शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

पश्चिम मेदिनीपुर में माओवादी संत्रास विरोधी गण प्रतिरोध मंच नामक एक अज्ञात संगठन ने जगह-जगह बैनर लगाकर पश्चिम बंगाल के राजनीति परिदृश्य में एक नया भूचाल ला दिया है। इस तरह के हाईटेक बैनर पहली बार देखा गया है। बैनर को देख आम जनता के साथ ही राजनीतिक दलों में जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। आखिर यह संगठन है क्या। इस का संरक्षक कौन है जो खुलेआम माओवादियों व नेताओं को चुनौती दे रहा है।

कागजों पर शिक्षा का अधिकार

शिक्षा का अधिकार कानून भले ही देश में लागू कर दिया गया है, पर पिछड़े इलाकों के बच्चे पेट की भूख शांत करने के लिए बैल-बकरी ही चरा रहे हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोईलकेरा प्रखंड अंतर्गत चीनीबाड़ी गांव में स्कूल जाने के बजाय बच्‍चों को पशुओं को चराने की ट्रेनिंग दी जाती है।

यही है जरवा सभ्यता

जरवा अंडमान निकोबार द्वीप के मूल जनजाति बताये जाते हैं। पश्चिम मेदिनीपुर जिलांतर्गत घाटाल में शिशु उत्सव दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा इस जनजाति की सभ्यता व संस्कृति को दर्शाते हुये उनके नृत्य को पेश किया गया, जिसमें यह दिखाया गया कि आधुनिक काल में अस्तित्व रहने के बावजूद जरवा जनजाति का रहन-सहन किसी पशु के समान ही है, तभी तो वे आज भी पशुओं के समान ही पानी पीते हैं