सोमवार, 28 नवंबर 2016

‬:👌:: *एक खूबसूरत सोच* ::👌:

‬:👌::  *एक   खूबसूरत   सोच*  ::👌:

                     अगर कोई पूछे कि जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ? .... .... तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभू की मेहेरबानी थी। क्या खुबसूरत रिश्ता है मेरे और मेरे भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं...✍”॥
                     

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 ☄जीवन के तीन मंत्र☄

☄ *आनंद में  -  वचन मत दीजिये*

☄ *क्रोध में  -  उत्तर मत दीजिये*

☄ *दुःख में  -  निर्णय मत लीजिये*

 💐💎    जीवन मंत्र      💎💐

१) धीरे बोलिये      👉  शांति मिलेगी
२) अहम छोड़िये   👉  बड़े बनेंगे
३) भक्ति कीजिए   👉  मुक्ति मिलेगी
४) विचार कीजिए  👉  ज्ञान मिलेगा
५) सेवा कीजिए    👉  शक्ति मिलेगी
६) सहन कीजिए   👉  देवत्व मिलेगा
७) संतोषी बनिए   👉  सुख मिलेगा

                    "इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें। और इतना बड़ा मन रखिए कि जब आप खड़े हो जाऐं, तो कोई बैठा न रह सके।"

              👌 शानदार बात👌

                     झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह "कचरा" साफ करती है।

                      लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है, तो खुद कचरा हो जाती है।

                     इस लिये, हमेशा संगठन से बंधे रहें , बिखर कर कचरा न बनें।

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                      🙏

बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते हैं लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है। समस्याए कॉमन हैं, लेकिन आपका एटीट्यूड इसमें डिफरेंस पैदा करता है।

🌷बारिश के दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते हैं लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है।
समस्याए कॉमन हैं, लेकिन आपका एटीट्यूड इसमें डिफरेंस पैदा करता है।
                         - अब्दुल कलाम

आपको अपने भीतर से ही विकास करना होता है। कोई आपको सिखा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता आपको सिखाने वाला और कोई नहीं, सिर्फ आपकी आत्मा ही है।
                       - स्वामी विवेकानंद

आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को  मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।
                           -अब्दुल कलाम

विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं, तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ देते हैं।
                                 -शिव खेड़ा

 देश का सबसे अच्छा दिमाग, क्लास रूम की आखरी बेंच पर भी मिल सकता है।
                          -अब्दुल कलाम

आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते हैं और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देगी।
                          -  अब्दुल कलाम

अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं, तो आप कर सकते हैं। अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते हैं, तो आप नहीं कर सकते हैं।
                                 -शिव खेड़ा

मैं अकेली हूँ, लेकिन फिर भी मैं हूँ। मैं सबकुछ नहीं कर सकती, लेकिन मैं कुछ तो कर सकती हूँ और सिर्फ इसलिए कि मैं सब कुछ नहीं कर सकती, मैं वो करने से पीछे नहीं हटूंगी जो मैं कर सकती हूँ।
                              -हेलेन किलर

कभी भी दुष्ट लोगों की सक्रियता समाज को बर्वाद नहीं करती, बल्कि हमेशा अच्छे लोगों की निष्क्रियता समाज को बर्बाद करती है।
                               -शिव खेड़ा

किसी  दिन, जब  आपके  सामने कोई समस्या  ना  आये तो आप  सुनिश्चित  हो  सकते  हैं  कि  आप  गलत  मार्ग  पर  चल  रहे  हैं ।
                      -स्वामी विवेकानंद

किसी डिग्री का ना होना दरअसल फायेदेमंद है, अगर आप इंजिनियर या डाक्टर हैं तब आप एक ही काम कर सकते हैं पर यदि आपके पास कोई डिग्री नहीं है, तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
                              -शिव खेड़ा

किसी  वृक्ष  को  काटने  के  लिए  आप  मुझे  छ:  घंटे  दीजिये  और  मैं  पहले  चार  घंटे  कुल्हाड़ी  की  धार तेज  करने  में  लगाऊंगा।
                         -अब्राहम लिंकन

हम वो सब कर सकते हैं जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं जो आज तक हमने नहीं सोच

एक सौ पचास दिन न सही 50 दिन ही बिताया जाये स्वयं को पुनर्स्थापित करने में

बाज लगभग सत्तर वर्ष जीवित रहता है | परन्तु अपने जीवन के चालीसवें वर्ष में आते-आते उसे एक महत्वपूर्ण निर्णय लेना पड़ता है | उस अवस्था में उसके शरीर के तीन प्रमुख अंग निष्प्रभावी होने लगते हैं |
पंजे लम्बे और लचीले हो जाते है, तथा शिकार पर पकड़ बनाने में अक्षम होने लगते हैं | चोंच आगे की ओर मुड़ जाती है और भोजन में व्यवधान उत्पन्न करने लगती है |
पंख भारी होकर उड़ान को सीमित कर देते हैं | भोजन ढूँढ़ना, भोजन पकड़ना, और भोजन खाना तीनों प्रक्रियायें अपनी धार खोने लगती हैं |
उसके पास तीन ही विकल्प बचते हैं :-
1. देह त्याग दे |
2. गिद्ध की तरह त्यक्त भोजन पर निर्वाह करे |
3. या फिर "स्वयं को पुनर्स्थापित करे"
जहाँ पहले दो विकल्प सरल और त्वरित हैं, अंत में बचता है तीसरा लम्बा और अत्यन्त पीड़ादायी रास्ता |
बाज चुनता है तीसरा रास्ता और स्वयं को पुनर्स्थापित करता है | वह किसी ऊँचे पहाड़ पर जाता है, एकान्त में अपना घोंसला बनाता है और तब सबसे पहले वह अपनी चोंच चट्टान पर मार मार कर तोड़ देता है, चोंच तोड़ने से और वह प्रतीक्षा करता है चोंच के पुनः उग आने का | उसके बाद वह अपने पंजे भी उसी प्रकार तोड़ देता है, और प्रतीक्षा करता है पंजों के पुनः उग आने का | नयी चोंच और पंजे आने के बाद वह अपने भारी पंखों को एक-एक कर नोंच कर निकालता है |
और प्रतीक्षा करता है पंखों के पुनः उग आने का एक सौ पचास दिन की पीड़ा और प्रतीक्षा के बाद मिलती है वही भव्य और ऊँची उड़ान पहले जैसी इस पुनर्स्थापना के बाद वह तीस वर्ष और जीता है ऊर्जा, सम्मान और गरिमा के साथ |
एक सौ पचास दिन न सही 50 दिन ही बिताया जाये स्वयं को पुनर्स्थापित करने में | जो शरीर और मन से चिपका हुआ है, उसे तोड़ने और नोंचने में पीड़ा तो होगी ही विस्वास रखे इस बार उड़ानें और ऊँची होंगी, अनुभवी होंगी, अनन्तगामी होंगी |
धयान रखे की बिना विध्वंस के निर्माण नहीं होता
और मोदी सरकार कुछ ऐसा ही कर रही है इसलिए अगर कुछ पीड़ा हो तो उसको अमृत मान ले और सह ले 50 दिन की पीड़ा को जो नोटबंदी के कारण हो रही है