बुधवार, 10 मार्च 2010

Ashok singh: आज मैं ऊपर, आसमां नीचे

Ashok singh: आज मैं ऊपर, आसमां नीचे

आज मैं ऊपर, आसमां नीचे

-बिल को धरातल पर आने में समय लगेगा

33 प्रतिशत आरक्षण का नतीजा दूरगामी होगा। वैसे निकटवर्ती काल में सिर्फ नेता जी या दबंग लोगों की पत्‍ि‌नयां ही चुनाव में होंगी पर धीरे-धीरे समय बदलेगा और आम महिलाएं भी हिस्सा लेंगी। बिल को धरातल पर आने में समय लगेगा।
दीप्ति एस पटेल, निदेशक, इनवेस्टमेंट ऐज

-नो प्रोक्सी पालिटिक्स
मेरे विचार से इस बिल पर प्रोक्सी पोलिटिक्स नहीं होना चाहिये। महिला बिल थोड़े बहुत बवाल के साथ राज्यसभा से पास तो हो गया लेकिन लोकसभा शेष है। इस बिल से समाज की महिलाओं का आत्मबल बढ़ेगा और उनका शोषण कम होगा।
राय सेनगुप्ता, एजीएम, कारपोरेट कम्यूनिकेशन, श्राची ग्रुप
-बंधुआ मजदूरी खत्म
बिल से महिलाओं को अपना अधिकार मिलेगा। महिलाएं हमेशा एक बंधुआ मजदूर की तरह रही हैं। महिलाओं का पुरुष प्रधान समाज में शोषण होता रहा है और समाज ने हमेशा इन्हें दबाया है। बिल में जाति नहीं नारी की बात हो।
इंद्राणी सिंह, प्रिंसिपल, एडीएल सनशाइन

-बदलेगा समाजिक व पारिवारिक ढांचा
हमें 33 प्रतिशत आरक्षण मिला है। यह बड़ी बात है। इस बिल से सामाजिक व पारिवारिक ढांचा बदलेगा और महिलाएं मजबूत होंगी। बिल का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकाई महिलाओं को मिले क्योंकि इन्हीं के सर्वाधिक उत्थान की जरूरत है।
रंजीता, साफ्टवेयर इंजीनियर, सत्यम सिस्टम सोल्यूशन

-खत्म होगा स्टेटस डिफ्रेंसियेशन
इस बिल से महिलाओं को हर फील्ड में प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा। सोसायटी में महिलाओं का स्टेटस डिफ्रेंसियेशन अब खत्म हो जायेगा। इससे समाज में महिलाओं को मजबूती मिलेगी। इसका नतीजा जल्दी तो नहीं लेकिन भविष्य में जरूर दिखेगा। महिलाओं का जीवन बेहतर होगा।
डा. इंदू चौहान, वरदान मेटरनिटी