गुरुवार, 12 नवंबर 2009
झारखंड में 45 अधिकारियों पर चला 'सूचना कानून' का डंडा
--जमशेदपुर के पूर्व एसडीओ व चक्रधरपुर नपा के विशेष पदाधिकारी भी लपेटे में--
अशोक सिंह, जमशेदपुर : आम जनता को सौंपा गया सशक्त हथियार आरटीआई यानी सूचना के अधिकार का डंडा झारखंड में चलना शुरू हो गया है। अभी तक राज्य के 45 अधिकारी सूचना कानून की चपेट में आ चुके हैं। समय से सूचना न देने या टालमटोल कर जवाब देने वालों पर राज्य सूचना आयोग का डंडा बड़ी तेजी से घूम रहा है। बीडीओ से एसपी तक, उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष से लेकर विवि के कुल सचिव तक और राज्य सरकार के सचिव से लेकर झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) के अधिकारी तक इस कानून की चपेट में आये हैं। धनबाद डीसी आफिस के एक अधिकारी से लेकर जमशेदपुर के पूर्व एसडीओ तक को सूचना कानून के डंडे की चोट लगी है। एसपी कार्यालय बोकारो भी इसकी चपेट में आया है। चक्रधरपुर नपा के पूर्व विशेष पदाधिकारी को भी सूचना कानून के तहत जुर्माना देना पड़ा है। राज्य सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जमशेदपुर के तत्कालीन एसडीओ गणेश प्रसाद पर सूचना समय से न देने व आवेदक को परेशान करने के आरोप में जुर्माना किया जा चुका है। हालांकि इस मामले में जमशेदपुर जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उधर चक्रधरपुर में सूचना समय पर न देने व टालमटोल कर जबाब देने के आरोप में नगरपालिका के विशेष पदाधिकारी अनिल कुमार को राज्य सूचना आयोग की तरफ से 25 हजार रुपये जुर्माना किया जा चुका है। अपील में आये 3555 मामलेझारखंड में सूचना कानून अधिनियम 2005 के लागू होने से लेकर अब तक अपील के 3555 मामले निस्तारित किये गये हैं। इसके अलावा 776 मामले लंबित हैं। झारखंड राज्य के सूचना आयुक्त बीएन मिश्रा ने बताया कि अभी तक 355 मामले निस्तारित किये गये हैं, जबकि 94 मामले लंबित हैं। इसके अलावा आयोग में पुनर्याचिका के 92 मामले आये, जिसमें 15 मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 45 अधिकारियों पर अभी तक सूचना कानून के तहत जुर्माना किया जा चुका है।
अशोक सिंह, जमशेदपुर : आम जनता को सौंपा गया सशक्त हथियार आरटीआई यानी सूचना के अधिकार का डंडा झारखंड में चलना शुरू हो गया है। अभी तक राज्य के 45 अधिकारी सूचना कानून की चपेट में आ चुके हैं। समय से सूचना न देने या टालमटोल कर जवाब देने वालों पर राज्य सूचना आयोग का डंडा बड़ी तेजी से घूम रहा है। बीडीओ से एसपी तक, उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष से लेकर विवि के कुल सचिव तक और राज्य सरकार के सचिव से लेकर झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) के अधिकारी तक इस कानून की चपेट में आये हैं। धनबाद डीसी आफिस के एक अधिकारी से लेकर जमशेदपुर के पूर्व एसडीओ तक को सूचना कानून के डंडे की चोट लगी है। एसपी कार्यालय बोकारो भी इसकी चपेट में आया है। चक्रधरपुर नपा के पूर्व विशेष पदाधिकारी को भी सूचना कानून के तहत जुर्माना देना पड़ा है। राज्य सूचना आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जमशेदपुर के तत्कालीन एसडीओ गणेश प्रसाद पर सूचना समय से न देने व आवेदक को परेशान करने के आरोप में जुर्माना किया जा चुका है। हालांकि इस मामले में जमशेदपुर जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उधर चक्रधरपुर में सूचना समय पर न देने व टालमटोल कर जबाब देने के आरोप में नगरपालिका के विशेष पदाधिकारी अनिल कुमार को राज्य सूचना आयोग की तरफ से 25 हजार रुपये जुर्माना किया जा चुका है। अपील में आये 3555 मामलेझारखंड में सूचना कानून अधिनियम 2005 के लागू होने से लेकर अब तक अपील के 3555 मामले निस्तारित किये गये हैं। इसके अलावा 776 मामले लंबित हैं। झारखंड राज्य के सूचना आयुक्त बीएन मिश्रा ने बताया कि अभी तक 355 मामले निस्तारित किये गये हैं, जबकि 94 मामले लंबित हैं। इसके अलावा आयोग में पुनर्याचिका के 92 मामले आये, जिसमें 15 मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 45 अधिकारियों पर अभी तक सूचना कानून के तहत जुर्माना किया जा चुका है।
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