रविवार, 5 मार्च 2017

Coverage of violence in Biharsarif Ajay Devgan meeting.


नालंदा में भीड़ देख लो नीतीश बाबू, आपकी नींद उड़ जाएगी : मोदी

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26oct2015

-पीएम ने भीड़ देख नीतीश पर साधा निशाना, कहा मुझे लगता है यहां एक साथ चार-चार रैलियां  -कहा दंभ, दगा एवं दमन, यही इन तीनों नेताओं की पहचान की पहचान
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अशोक सिंह, बिहारशरीफ
नालंदा ज्ञान की भूमि के नमन कर रहलीएह.. ई भगवान महावीर, बाबा मखदुम साहब के भूमि के हम प्रणाम करतीयई हई। हम ज्ञान के धरती पर आके गौरव महसूस कर रहलीय ह..। हम रउहनी के प्रणाम करत हईं। रविवार को बिहारशरीफ के गोलापर हवाई अड्डा मैदान में एनडीए के विशाल जनसमूह का संबोधन प्रधानमंत्री ने इन्हीं शब्दों के साथ शुरू किया। ठीक 2.30 बजे पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने नेताओं एवं उपस्थित जनसमूह को अभिवादन करने के बाद बड़े-छोटे भाईयों पर निशाना साधना शुरू कर दिया।
बिहारशरीफ के गोलापुर हवाई अड्डा मैदान में भीड़ देखकर सवालिया लहजे में पीएम ने कहा कि चुनाव का नतीजा तो आठ नवंबर को आएगा, लालू एवं लोक-तांत्रिक नीतीश बाबू देख लो। अब आपका क्या होगा। पता नहीं क्या से क्या हो गया। ये बिहार के नागरिकों की सूझबूझ है। यहां के लोगों का राजनीतिक बड़प्पन है। यहां के लोगों की सोच राजहंस जैसी सोच है। वे आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं। ये माहौल चुनाव की विजय का माहौल नहीं है, केवल नीतीश, लालू, सोनिया को पराजित करने का महौल नहीं है, ये तीनों लोगों को सजा देने का माहौल है। उन्होंने कहा दंभ, दगा एवं दमन, यही इन तीनों नेताओं की पहचान है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के पांचवीं कक्षा का छात्र भी नालंदा की जानकारी रखता है। उसे पता होता है कि नालंदा का कैसा गौरवशाली इतिहास रहा है। कल्पना कर सकते हैं कि कितनी महान विरासत के आप धनी हैं। जिस बिहार के पास नालंदा जैसी विरासत है, पूरा हिंदुस्तान सदियों से सीना तानकर जी रहा हो, आजादी के बाद उस नालंदा की चिंता होनी चाहिए थी। लेकिन सत्ता में रहे लोगों को नालंदा की याद नहीं आई। लगातार 45 मिनट तक सवाल दागते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा विश्व ज्ञान की पिपासा बुझाने नालंदा में आता है, लेकिन क्या हो गया कि जो नालंदा की धरती दुनिया को ज्ञान देती थी, वहां के नौजवान को शिक्षा के लिए अपना घर छोड़ना पड़ता है। ये तांत्रिक नीतीश बाबू के कारण हुआ, उन्हें लगता है बिहार को तांत्रिक ही बचा सकते हैं। उन्होंने कहा नीतीश जी बिहार को युवाओं को तांत्रिकों की जरूरत नहीं है। बिहार में महास्वर्थबंधन बनाया। इसमें लालू, लोक-तांत्रिक नीतीश कुमार और तीसरी मैडम सोनिया के अलावा चौथा भी है जो तांत्रिक है। क्या 18वीं सदी की सोच से बिहार आगे बढ़ेगा। बिहार के युवाओं को तंत्र-मंत्र नहीं, कंप्यूटर-लैपटॉप चाहिए। ये सपने देख रहे थे कि देश के टुकड़े-टुकड़े करने की राजनीति के दम पर देश का प्रधानमंत्री बन जाएंगे। पिछड़े परिवार में पैदा हुआ बेटा कैसे प्रधानमंत्री कैसे बन गया, ये गुस्सा इस बात का है। जहर इस बात का है कि गरीब परिवार का बेटा अचानक प्रधानमंत्री कैसे बन गया।
आज पूरे विश्व में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है... मोदी के कारण नहीं हो रहा, दुनिया में जो जय-जयकार सवा सौ करोड़ देशवासी के वजह से हो रहा है। उन्होंने जनसमूह से पूछा पूरे हिंदुस्तान में बिहार का डंका बजना चाहिए या नहीं। अगर ऐसा चाहते हैं तो बिहार में दो तिहाई वाली एनडीए की सरकार बना दीजिए। 14 साल तक गुजरात में राज किया, मध्यप्रदेश में 15 साल से हैं, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, गोवा में हमारी सरकार है। लेकिन कभी आरक्षण पर आंच तक नहीं आने दिया। हमने पिछड़ापन देखा है, गरीबी में कैसे गुजारा करना पड़ता है। हम आरक्षण को हटाने का कभी सोच भी नहीं सकते। इस चुनाव में हम विकास की बातचीत लेकर आए हैं, दूसरी ओर जंगलराज की राजनीति है। उन्होंने कहा कि हमने सवा लाख करोड़ रुपये दिए। लालू जी के युवराज को सवा लाख करोड़ लिखने को कहा जाए, तो लिख नहीं पाएंगे। जिनको सवा लाख करोड़ लिखना नहीं आता, क्या वे बिहार का विकास कर पाएंगे। पीएम ने कहा कि मुझे बाहरी कहा जाता है। लालू-नीतीश से पूछना चाहता हूं कि बिहार के नौजवान को बाहर जाने का दोषी कौन है।