जरवा अंडमान निकोबार द्वीप के मूल जनजाति बताये जाते हैं। पश्चिम मेदिनीपुर जिलांतर्गत घाटाल में शिशु उत्सव दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा इस जनजाति की सभ्यता व संस्कृति को दर्शाते हुये उनके नृत्य को पेश किया गया, जिसमें यह दिखाया गया कि आधुनिक काल में अस्तित्व रहने के बावजूद जरवा जनजाति का रहन-सहन किसी पशु के समान ही है, तभी तो वे आज भी पशुओं के समान ही पानी पीते हैं
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