स्थापना : 15 नवंबर, 2000 (भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर।)
जनसंख्या : 2,69,09,428 (2001 की जनगणना के अनुसार)
पुरुष : 1,38,61,277
महिला : 1,30,48,151
प्रति व्यक्ति आय : 4161 रुपये
कुल साक्षरता : 59.6 फीसदी (2007 में)
पुरुष साक्षरता : 69.7 फीसदी (2001 में)
महिला साक्षरता : 39.38 फीसदी
(2001 में)
जनसंख्या घनत्व : 338 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी।
जिला : 24
अनुमंडल : 35
ब्लॉक : 212
गांव : 32,620
विद्युतीकरण : 45 फीसदी गांवों में।
सड़क : 4662 गांवों में
कुल क्षेत्रफल : 79.70 लाख हेक्टेयर
कृषि योग्य क्षेत्र : 38 लाख हेक्टेयर
कृषि उपयोग में आ रहे क्षेत्र : 18.04 लाख हेक्टेयर (कुल क्षेत्र का 25 फीसदी)
सिंचित क्षेत्र : 1.57 लाख हेक्टेयर (कृषि उपयोग में आने वाली भूमि का मात्र आठ फीसदी)
----------------------
झारखंड और नक्सलवाद :
बहुमूल्य खनिजों को अपने समेटे झारखंड की धरती की लाली नक्सली करतूतों से भी लंबे अरसे से रक्तरंजित होती रही है। यह राज्य नक्सली और माओवादी हिंसाओं की सबसे अधिक विभीषिका झेलने वाले राज्यों में से एक रहा है। देश के कुल क्षेत्रफल का महज 7.8 होने के बावजूद झारखंड का 92,000 वर्ग किलोमीटर नक्सल प्रभावित लाल गलियारे में तब्दील हो चुका है। हालांकि यह भी गौर करने वाली बात है कि प्रभावित क्षेत्र की एक बड़ी आबादी घोर गरीबी और उपेक्षा से पीडि़त है। सुविधाएं यहां नगण्य हैं। जबकि यह इलाका प्राकृतिक संसाधनों और वनौषधियों से संपन्न हैं। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें