गुरुवार, 17 दिसंबर 2009


मनमौजी मजनुओं की मौज
-पिकनिक का मौसम बन रहा बहाना-
अशोक सिंह, जमशेदपुर : लौहनगरी में इन दिनों मनमौजी मजनुओं की मौज है। झारखंड के सर्वाधिक फैशनेबल माने जाने वाले शहर में कॉस्मोपोलिटन कल्चर पसरता जा रहा है। मेट्रो की तर्ज पर डेटिंग व फ्रेंडशिप के नाम पर बढ़ता खुलापन। दिसंबर माह के अंत में पिकनिक का समय होता है तो इनकी बहार ही बहार है। जमशेदपुर में टाटा स्टील प्रबंधन की कृपा से पार्क व मनोरम स्थलों की कमी नहीं है। अक्सर लोग साप्ताहिक छुट्यिों में सपरिवार इसका लुत्फ उठाते हैं लेकिन इन दिनों पार्क लव ब‌र्ड्स से भरे मिलते हैं। जुबली पार्क के हर झुरमुट व पेड़ की ओट दिन शुरू होते ही भरने लगते हैं। जूलाजिकल पार्क का नजारा तो और खुलापन लिये होता है। मनमौजी मजनुओं के लिए तो यह काफी सुरक्षित स्थन है। पैसे देकर टिकट खरीदा और जबतक चाहे, 'जिस तरह' चाहा, पार्क के कोनों का भरपूर उपयोग कर लिया।पर्यटन स्थल डिमना भी इन दिनों खूब रंगत लिये हुये है। टूरिस्टों की संख्या कम नवोदित मजनुओं की संख्या काफी देखने को मिल रही है। गर्म पाकेट वाले रईसजादों के लिए जमशेदपुर के हाईवे लांग-ड्राइव के लिए खूब पसंदीदा स्थल हैं, ऊपर से सड़क के किनारे होटल-मोटल-ढाबा सोने पर सुहागा। जिस किसी होटल-मोटल में चले जाएं, दर्जनों की संख्या में प्रेमी जोड़े चोंच लड़ाते मिल जाएंगे। यहां तक कि स्कूलों के बच्चे भी। इन सब हरकतों को स्थानीय प्रशासन बिल्कुल नजरअंदाज किये हुये है। शायद किसी बड़ी घटना का इंतजार है।

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