शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

दीवाली में शहरवासी कैसे लेंगे सांस

--पटाखा से गोलमुरी व बिष्टुपुर में सर्वाधिक वायु प्रदूषण--

अशोक सिंह, जमशेदपुर : क्षिति जल पावक गगन समीरा वाले पंचतत्व से बने मानव शरीर में सबसे अहम तत्व है वायु। शरीर में वायु के न रहने पर मनुष्य निष्प्राण हो जाता है। शुद्ध वायु जहां हमारे शरीर के स्वस्थ रहने में सहायक होती है वहीं प्रदूषित वायु हमारी मौत का कारण भी बन जाती है। आज के भीड़भाड़ भरे जीवन में वैसे तो हमें लगभग रोज ही प्रदूषित वायु का सामना करना पड़ता है, पर दीपावली के अवसर पर होने वाली आतिशबाजी के कारण हमारे शरीर में प्रचुर मात्रा में प्रदूषित या यूं कह लें कि जहरीली वायु प्रवेश कर जाती है। इसके चलते हम मारक बीमारी का शिकार हो जाते हैं। बावजूद इसके पर्व के उल्लास में हम इस ओर कतई ध्यान नहीं देते हैं।
दीवाली पर होने वाली आतिशबाजी के कारण वायुमंडल में वायु प्रदूषण की मात्रा तय मानक से कहीं ज्यादा होती है। वायुमंडल में तैरते रासायनिक पदार्थो का आंकड़ा प्रति क्यूबिक मीटर 120 माईक्रोग्राम होना चाहिये। वहीं बिष्टूपुर में प्रति क्यूबिक मीटर में वायु प्रदूषण की मात्रा 261 माईक्रोग्राम मिलती है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक बिष्टुपुर के वायुमंडल में एसओ टू की मात्रा 38, एनओटू की मात्रा 62 जिसका प्रदूषण औसत 52 मिलता है। वहीं इस क्षेत्र में सस्पेंडेड पार्टिकल्स आफ मैटर (एसपीएम) की मात्रा 191 मिलता है। गोलमुरी में प्रति क्यूबिक मीटर में वायु प्रदूषण की मात्रा 256 माईक्रोगाम मिलती है। एसओ टू की मात्रा 40, एनओटू की मात्रा 54 जिसका प्रदूषण औसत 52 मिलता है। वहीं इस क्षेत्र में सस्पेंडेड पार्टिकल्स आफ मैटर (एसपीएम) की मात्रा 203 मिलता है।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के रीजनल आफिसर आरएन चौधरी ने बताया कि दीवाली के दौरान शहर में दो जगह गोलमुरी व बिष्टुपुर में मानेटरिंग प्वाइंट लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण की मात्रा का आंकलन तो हर रोज किया जाता है लेकिन खास कर दीवाली के दिन वायु प्रदूषण ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि हाई वॉल्यूम सस्पेंडेड मशीन गोलमुरी वाहन केंद्र व बिष्टुपुर वाहन केंन्द्र के पास स्थापित किया गया है।
जागरूकता के लिए चलाते हैं अभियान
आरएन चौधरी ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए समय समय पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा अभियान चलाया जाता है। उन्होने बताया कि पौधारोपण कर लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके अलावा लोगों में जागरूकता लाने के लिए पर्यावरण दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। उन्होंने इस दीवाली लोगों से न्यूनतम वायु व ध्वनि प्रदूषण वाले पटाखे छोड़ने का आह्वान किया।

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