बुधवार, 18 नवंबर 2009
'सबसे खतरनाक है सपनों का मर जाना'
--दैनिक जागरण के जनजागरण अभियान का जमशेदपुर पश्चिम में आगाज--निगेटिव वोटिंग व्यवस्था लागू करने की मांग
अशोक सिंह, जमशेदपुर : जनता, जनप्रतिनिधि व जनतांत्रिक प्रणाली कठिनाइयों से घिर गयी है। इन कठिनाइयों से बाहर निकले के लिए यही सही समय है। दैनिक जागरण के जनजागरण अभियान की हवा पश्चिम से जब पूर्व की ओर बही तो लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया। इस दौरान मंचित नाटक को देख कर लोगों ने कह डाला कि घर में बैठ जाना खतरनाक नहीं है और न ही शरीर स्थिर कर लेना खतरनाक है, सबसे खतरनाक है सपनों का मर जाना। दैनिक जागरण के जनजागरण अभियान के पांचवे दिन जमशेदपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्रों में ठंड बढ़ने के साथ-साथ जनजागरण रथ की भी रफ्तार बढ़ी। बुधवार को भालूबासा से शुरुआत हुई तो टिनप्लेट यूनियन महिला कालेज में जनजागरण अभियान का जबदस्त क्रेज रहा। इस विस चुनाव में पहली बार मतदान करने वाली छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक को देखकर खुलकर निगेटिव वोटिंग व्यवस्था लागू करने की मांग की। मानदंड पर खरे न उतरने के बाद जनप्रतिनिधि को बीच में वापस बुलाने के सवाल पर सभी छात्रों ने एक स्वर में कहा-हां, हां ऐसी व्यवस्था अवश्य बननी चाहिये। टिनप्लेट यूनियन महिला कालेज की प्राचार्य ने कहा कि जनता को निर्भीक होकर मतदान करना चाहिये। पढ़े लिखे लोगों में ही मतदान का प्रतिशत कम होता है। चुनाव को हम पर्व के तरह मनाये तो जनतांत्रिक व्यवस्था चमकदार हो जायेगी। इस दौरान पॉलिटिकल साइंस की टीचर रंजना भगत ने दैनिक जागरण की सरहाना करते हुये कहा कि जनजागरण अभियान में हो रहे नाटक के मंचन देखने से लोगों में उत्साह आयेगा। उन्होंने कहा कि सदी की शुरुआत में तीन राज्यों का गठन हुआ था, जिसमें उतराखंड व छत्तीसगढ़ का विकास सराहनीय है। लेकिन अपार संभावनाएं होने के बावजूद झारखंड का विकास नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि सही समय है स्वच्छ व साथ-सुथरे जनप्रतिनिधि चुनने का। शाम को जनजागरण रथ के बारीडीह पहुंचने पर लोगों में जबरदस्त उत्सुकता देखी गयी। नुक्कड़ नाटक को देखकर व्यवसायी गोपाल दास और प्रभु भुइंया ने दैनिक जागरण की प्रशंसा करते हुये कहा कि पिछड़े क्षेत्रों में साक्षरता कम होने के कारण गलत लोग पैसे का लालच देकर वोट प्राप्त कर विधानसभा पहुंच जाते हैं।
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