बुधवार, 6 अगस्त 2008

तो, चॉकलेट शुड बी ऑनली फॉर अडल्ट!

खाने-पीने की चीजों से जुड़े सर्वे अक्सर मन में संदेह पैदा कर देते हैं। अक्सर इनके पीछे एक व्यापार बुद्धि काम कर रही होती है। खाने-पीने की चीजों ही नहीं, जीनियस समझे जाने वाले व्यक्तियों के बारे में भी तरह-तरह के मिथक एक खास तरह से प्रचारित किए जाते हैं। मिसाल के लिए पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के एक महान नाम मोत्सार्ट के बारे में यह कहा जाता रहा है कि उनके संगीत को सुनने से व्यक्ति बुद्धिसंपन्न होने लगता है। वैसे तो किसी भी महान संगीतज्ञ के बारे में इस बात को लागू किया जा सकता है। इंटेलिजंट होने के लिए मोत्सार्ट ही क्यों, बाख या वागनर क्यों नहीं? जहां तक खाने-पीने वाली चीजों का सवाल है, उनके बारे में कई बार रिसर्च के नाम पर भी कुछ सच या झूठ प्रचारित किए जाते हैं। मिसाल के लिए रेड वाइन के बारे में अक्सर यह बात प्रचारित की गई है कि उससे दिल को फायदा होता है। अक्सर कॉकटेल पार्टियों में लोगों को रेड वाइन के प्रति सम्मान दिखाते देखा जाता है। कई बार तो वे यह भी भूल जाते हैं कि रिसर्च में रेड वाइन के सीमित सेवन की भी बात की जाती है। खैर! सबसे मजेदार बातें आइसक्रीम और चॉकलेट को लेकर प्रचारित हैं। इतालवी लोग आइसक्रीम के बहुत शौकीन होते हैं। वे उसे रोमांस का इन्वेंशन मानते हैं। यह अलग बात है कि चीनी भी अपने को आइसक्रीम का जन्मदाता मानते हैं, लेकिन इटली शायद दुनिया का एक अकेला देश है, जहां आइसक्रीम सिर्फ बच्चों और किशोरों में ही नहीं - बूढ़ों में भी लोकप्रिय है। वेनिस में बूढ़ी औरतों को खूब चाव से आइसक्रीम खाते हुए देखना एक दिलचस्प दृश्य होता है। लेकिन, चॉकलेट को लेकर पिछले दिनों जो एक सर्वे सामने आया है, वह सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाला है। एक रिसर्च लैब के सर्वे में 13 देशों की 3,571 स्त्रियों से बातचीत की गई। इनमें से एक देश भारत भी था। सर्वे आधी स्त्रियों ने यह चौंकाने वाली बात कही कि चॉकलेट खाने से उन्हें जो सुख मिलता है, वह सेक्स सुख के बराबर है। जाहिर है कि इस सर्वे से सेक्स इंडस्ट्री को कोई खास फायदा नहीं होगा, पर चॉकलेट उद्योग खूब तेजी से आगे बढ़ जाएगा। फ्रांस की एक मशहूर फिल्म का नाम ही 'चॉकलेट' है, जिसकी नायिका एक कस्बे में चॉकलेट की दुकान खोल कर उसके एरोमा को जादुई ढंग से फैला देती है। इस सर्वे के बाद एक भारतीय अखबार ने कुछ ग्लैमरस महिलाओं से यह अनोखा सवाल किया- चॉकलेट या सेक्स ? ऐक्ट्रिस श्रेया शरण ने तो सीधा जवाब दे दिया- मैं सेक्स के मुकाबले में चॉकलेट पसंद करती हूं, लेकिन मुझसे यह न पूछा जाए कि क्यों? वैसे चॉकलेट खाने से और दूसरे लाभ जो भी हों, पर डेंटिस्ट जरूर फायदे में रहते हैं। उधर सेक्स का उद्योग भी चाहे तो चॉकलेट उद्योग से गठबंधन कर सकता है। मौज ही मौज! वैसे इस सर्वे की एक व्याख्या इस प्रकार से भी की जा सकती है कि बड़ी संख्या में अगर स्त्रियां चॉकलेट को सेक्स का लगभग विकल्प मानने को तैयार हैं तो इसका एक अर्थ यह है कि वे मर्दों के सेक्स के प्रति प्रिमिटिव कहे जा सकने वाले नजरिए से भी असंतुष्ट हैं। चॉकलेट के आनंद और उसके एरोमा के लिए किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। अपनी जीभ ही काफी है। आज भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की ड्यूटी फ्री शॉप्स में सबसे अधिक मांग चॉकलेट की होती है। इतालवी अगर अपनी आइसक्रीम पर गर्व करते हैं तो स्विट्जरलैंड के लोग अपनी चॉकलेट पर गर्व कर सकते हैं। स्विस चॉकलेट तो सुख का खास द्वार खोल देती है।

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