मंगलवार, 29 जुलाई 2008

पांच बेहतरीन बातें भारत की

हम दुनिया में कहीं भी रहते हों, हम सब में एक बात कॉमन है। हम लिस्टिंग पसंद करते हैं। वे तमाम लिस्टें, जो हमारी पसंद बताती हैं, मसलन टॉप स्टार्स, टॉप ट्रेंड्स, सबसे पॉप्युलर जगहें, सबसे नामी लोग, सबसे अच्छे देश, बेहतरीन शराबें, बेस्ट फूड... और ऐसा ही सब कुछ। लिस्टिंग में कुछ बात है, जो हमें खींचती है। शायद यह उन चीज़ों को सिलसिलेवार रखने का मज़ा है, जो आम तौर पर बिखरी रहती हैं और जिनका मतलब तय करना मुश्किल होता है। इनसे हमें अपने आइडियाज़ को तरतीब देने में मदद मिलती है। हमारी नज़र साफ होती है और हम कुछ सबसे अहम चीज़ों पर फोकस कर सकते हैं। इनसे हमें ज़िंदगी को आसान बनाने का सुख मिलता है। यहां मेरी कोशिश है उन पांच बातों को पेश करने की, जो भारत के बारे में मुझे सबसे अच्छी लगती हैं। ये पांच चीज़ें हैं, जिन्हें मैं भारत से दूर रहने पर मिस करुंगा। मेरे लिए ये भारत नाम की उस शै का सार हैं, जिससे हम बने हैं। यह एक सब्जेक्टिव लिस्ट है। ज़ाहिर है, हर किसी के लिए भारत के मायने अलग-अलग हो सकते हैं। आप भी अपनी लिस्ट तैयार कर सकते हैं। फिलहाल पेश हैं मेरी नज़र से इंडियाज़ बेस्ट फाइव-

1. डिमॉक्रसी: जी हां, पिछले हफ्ते संसद में हमने जो देखा, उसके बावजूद मेरा मानना है कि डिमॉक्रसी ही वह बात है, जो हमें दसियों दूसरे देशों से खास बनाती है। कोई वजह नहीं थी कि हम आज़ादी के बाद डिमॉक्रसी पर कायम रहते। हमारे यहां पाकिस्तान या दूसरे देशों से कम काबिल लोग नहीं थे, जो डिक्टेटर बन सकते थे। खुद नेहरू ऐसा कर सकते थे। हम कोई विकसित देश नहीं थे, जहां हर किसी को एक वोट की ताकत दी जानी ज़रूरी थी। लेकिन हमने शासन के बेहतरीन मॉडल की नकल की और इसे कायम रखा। मुझे पता है कि डिमॉक्रसी का हमारा तजुर्बा बेहद गड़बड़ है, इसकी आड़ में तमाम तरह की बदकारियां होती हैं और आप चाहें तो इसे डिमॉक्रसी मानने से इनकार कर सकते हैं। लेकिन जैसी भी है, यह है और इसके चलते अराजक होने का जो हक हमें मिला है, वह कोई मामूली बात नहीं है। इसकी कद वही लोग समझ सकते हैं, जिन्हें डिक्टेटरशिप में दिन गुज़ारने पड़े हों। यह हवा की तरह है, जिसकी कीमत हम नहीं जानते।

2. वरायटी : यह अनेकता में एकता का कोई सरकारी नारा नहीं है। सच में जैसी वरायटी इस मुल्क में है, वैसी आपको शायद ही कहीं मिले। इसीलिए कुछ लोग इसे एक मुल्क नहीं, कई मुल्कों का जमावड़ा मानते हैं। इस वरायटी को आप खान-पान और रहन-सहन के उस कोलाज में देख सकते हैं, जिसने हमारी ज़िंदगी को इतना दिलचस्प और रंगीन बना दिया है।

3. हिमालय: बर्फ से लदे पहाड़ दूसरों के पास भी हैं और आल्प्स की खूबसूरती का तो जवाब नहीं, लेकिन कहीं भी पहाड़ इतना बड़ा नहीं होता, कि उसे ईश्वर की तरह देखा जाए। भारतीय आध्यात्मिकता हिमालय के बिना अधूरी होती। भारत का ज़्यादातर हिस्सा मैदानी या पठारी है, लेकिन हिमालय सबके दिल में बसता है। वह भारतीयता का रेफरंस पॉइंट है, जिसके बिना भारत शायद भारत नहीं होता। हिमालय हमें शांति देता है और इसीलिए हमारे देवी-देवता भी फुर्सत के वक्त वहीं पाए जाते हैं।

4. मॉनसून: यह समुद्र से उठने वाली भाप को बहा ले जाने का एक विंड सिस्टम है, जो कुछ दूसरे देशों में भी मिलता है। लेकिन मॉनसून का मतलब तो भारत में ही जाना जा सकता है। हमें इसका इंतज़ार रहता है, जैसे यह कोई सैंटा क्लॉज हो। हमारे पास उसका टाइम टेबल भी है। हमारी ज़िंदगी का बहुत सा वक्त उसके बारे में सोचते बीतता है और जब वह आता है, तो हम हरे हो जाते हैं। वह हमें परेशान भी करता है, हम उससे नफरत करने लगते हैं। लेकिन तभी तक, जब तक कि अगली गर्मियां नहीं आ जातीं। ज़िंदगी की सबसे अहम चीज़ों से हमारा रिश्ता प्यार और नफरत का ही होता है।

5. इंडियन रेलवे : वे गंदी हैं, बदबूदार हैं और उतनी ही गैर भरोसेमंद जितना कि भारत है। लेकिन हमारी रेलें आज भी वही हैं, जिन्हें बापू ने भारत को समझने का ज़रिया माना था। भारत को उसकी तमाम नीचताओं और महानताओं के साथ देखना हो, तो किसी भी ट्रेन पर सवार हो जाइए। रिज़र्वेशन के बिना हो तो बेहतर। ये नीली ट्रेनें हमें अपने मुकाम तक ही नहीं ले जातीं, इस फैसले तक भी ले जाती हैं कि हम इस देश को प्यार करें या इससे पीछा छुड़ा लें। तो यह है मेरी लिस्ट। और आपकी?

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