गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

हर कोई बने अन्ना हजारे

अशोक सिंह, जमशेदपुर


भ्रष्टाचार भारतीय व्यवस्था की नींव में समा चुका है और अब यह उसे खोखला कर रहा है। इसे मिटाने के लिए हम सबको एक साथ खड़ा होना चाहिए। यह बातें बुधवार को इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक्सएलआरआइ में दैनिक जागरण से खास बातचीत में कही।

यह पूछने पर कि क्या अन्ना के आंदोलन से भ्रष्टाचार मिट पाएगा? नारायण मूर्ति ने कहा कि बिल्कुल.., हमें उनका साथ देना चाहिए। हम सबको अन्ना हजारे बनना चाहिए। उनकी मांगों को मान लिया गया तो काफी हद तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। आज देश में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बन चुकी है। युवाओं को इसके लिए आगे आना होगा। अपनी नींव (उच्च शिक्षा) में सुधार लाना होगा।

अपने समय के 12 महानतम उद्यमियों में से एक मूर्ति ने कहा कि एकजुट होकर हम लड़ेंगे तो शायद इस समस्या का समाधान निकल सके। भारतीय कंपनियों की कॉरपोरेट नैतिकता व समाजिक जिम्मेदारियों के सवाल पर नारायण मूर्ति ने कहा कि टाटा स्टील इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। टाटा स्टील कारपोरेट नैतिकता की ध्वजवाहक है। एक्सएलआरआइ में सर जहांगीर गांधी अवार्ड से सम्मानित मूर्ति ने कहा कि टाटा स्टील के सामाजिक उत्तरदायित्व का दुनिया में डंका बजता है। इसके अलावा हिन्दुस्तान में कई कंपनियां है जो अपने सामाजिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं। मूर्ति के अनुसार हर कंपनी, हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाए तो हमें शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है।

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