शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

जनसंघ की नींव पर भाजपा, अनजान खेवनहार

पार्टी के इतिहास की सामान्य जानकारियां तक नहीं

अशोक सिंह, जमशेदपुर : 'पार्टी विथ डिफरेंसÓ का दंभ भरने वाली भाजपा के बहुसंख्य वरिष्ठ कैडरों को ही अपने संगठन के संबंध में बुनियादी जानकारी तक नहीं है। शुक्रवार को यह सच्चाई तब बेपर्द हुई जब पार्टी का स्थापना दिवस मना रहे कार्यकर्ताओं से उनके ही दल से संबंधित चंद सामान्य से सवाल किये गये। जैसे पार्टी के संस्थापक कौन थे, कब पार्टी की स्थापना हुई, पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है आदि-आदि। अधिकांश भाजपाई इन प्रश्नों का जवाब देने में बगलें झांकने लगे। किसी भी राजनीतिक संगठन के लिए कार्यकर्ता उसकी रीढ़ होते हैं। वे ही जनता में जा कर पार्टी की नीतियों या अपनी सरकार की उपलब्धियों को उनतक पहुंचाते हैं। पेश है भाजपा नेताओं से बातचीत पर दैनिक जागरण की रिपोर्ट :

-------------------

राखी राय
राखी-पांच सालों से भाजपा की सेवा दिर-रात कर रही हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
राखी : (इधर-उधर देखते हुए)पता नहीं।
सवाल : भाजपा की स्थापना किसने की थी?
जबाब : मालूम नहीं।
राखी : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
जबाब : पता नहीं।
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
राखी : वो कौन हैं..... अनंत....
---------------------------
नरेश पासवान(अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष)
नरेश-पार्टी में अभी ही आया हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
नरेश : रुकिए पूछ कर आता हूं।
सवाल : भाजपा की स्थापना कब और कहां हुई?
नरेश : अभी जानकारी नहीं है।
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
नरेश : पता नहीं।
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
जबाब : पता नहीं।

------------------------

अशोक सिंह(जिला उपाध्यक्ष)
अशोक-काफी दिनों से पार्टी की सेवा कर रहा हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
अशोक : 32वां।
सवाल : भाजपा की स्थापना कहां और कब हुई थी?
अशोक : अटल बिहारी वाजपेयी व एलके आडवाणी ने की।
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
अशोक : पता नहीं।
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
अशोक : धर्मेन्द्र प्रधान व अनंत कुमार
----------------------
शांति देवी(जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा)
शांति-काफी दिनों से पार्टी की सेवा कर रहा हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
शांति : जवाब ढूंढते हुए, फिर एक कार्यकर्ता से कहती हैं ऐ बताओ।
सवाल : भाजपा की स्थापना कब और कहां हुई थी? संस्थापक कौन थे?
शांति : बैनर पर देखते हुए। आडवाणी जी...
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
शांति : मुखपत्र..... पता नहीं।
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
शांति : महासचिव ......पता नहीं

--------------------------
विकास सिंह, भाजपा नेता

विकास-पार्टी में पूरी निष्ठा के साथ काम करता हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
विकास : जवाब ढूंढते हुए, कार्यकर्ता को बुलाकर कहते हैं, ऐ बताओ।
सवाल : भाजपा की स्थापना कब और कहां हुई?
विकास : अटल-आडवाणी ने की।
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
जबाब : मुखपत्र..... पता नहीं।
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
जबाब : अनंत कुमार व धर्मेन्द्र प्रधान

------------------------

राजहंस तिवारी
राजहंस-पार्टी में पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहा हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
राजहंस : 32वां।
सवाल : भाजपा की स्थापना किसने की?
राजहंस : अटल-आडवाणी ने।
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
राजहंस : मुखपत्र..... पता नहीं।
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
जवाब : अनंत कुमार व धर्मेन्द्र प्रधान

------------------------

देवेंद्र सिंह(वरिष्ठ भाजपा नेता)
देवेन्द्र-पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
जबाब : 32वां।
सवाल : भाजपा की स्थापना किसने की?
जबाब : श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने।
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
जबाब : कमल संदेश
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
जबाब : अनंत कुमार व धर्मेन्द्र प्रधान

-------------------------

राजकुमार श्रीवास्तव(अध्यक्ष, महानगर भाजपा)
राजकुमार-मैं पार्टी का एक कमर्ठ कार्यकर्ता हूं।
सवाल : भाजपा कौन सी स्थापना दिवस मना रही है?
जबाब : 32वां।
सवाल : भाजपा की स्थापना कब हुई?
जबाब : जनसंघ 1980 में भाजपा के रूप में तब्दील हो गया।
सवाल : पार्टी के मुखपत्र का नाम क्या है?
जबाब : कमल संदेश
सवाल : पार्टी के दो राष्ट्रीय महासचिवों के नाम?
जबाब : अनंत कुमार व धर्मेन्द्र प्रधान

-------------------------

भाजपा का इतिहास
भाजपा का पुराना नाम भारतीय जनसंघ है। जनसंघ की स्थापना 21 अक्टूबर 1951 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिल्ली में की थी। 1953 में मुखर्जी के कश्मीर के जेल में निधन के बाद जनसंघ की जिम्मेदारी पं. दीनदयाल उपाध्याय के कंधे पर आ गई थी। इस दौरान पार्टी का चुनाव चिन्ह लैंप था। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975-76 में आपातकाल लागू कर दिया गया तो जनसंघ में देश के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय हो गया और एक नये संगठन जनता पार्टी का गठन हुआ। फिर जनता पार्टी 1980 में टूट गई। जनसंघ विचारधारा के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन किया। भाजपा 1998 से 2004 तक राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन(एनडीए)सरकार की सबसे बड़ी पार्टी रही।

................................

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष: नीतिन गडकरी
संसदीय दल अध्यक्ष: लालकृष्ण आडवाणी
नेता लोकसभा: सुषमा स्वराज(विपक्ष)
नेता राज्यसभा: अरूण जेटली(विपक्ष)
महासचिव: अनंत कुमार, थवारचंद गहलोत, अनंत कुमार, धर्मेन्द्र प्रधान, जेपी नड्डा, विजय गोयल, तापिर गाव व नरेन्द्र सिंह तोमर
संगठन महामंत्री: रामलाल

गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

गाउन पहन लहराया टैलेंट का परचम

जमशेदपुर, नगर संवाददाता : स्थान-एक्सएलआरआइ। दिन- बुधवार। मौका था 56वां दीक्षांत समारोह का। प्रबंधन की पढ़ाई पूरी कर चुके सत्र 2010-12 के छात्रों में मेडल एवं अवार्ड लेने की ललक साफ दिख रही थी।


शाम पांच बजते ही एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम छात्रों व अभिभावकों से भर चुका था। जूनियर छात्र अपने सीनियर (पास आउट) को बधाई दे रहे थे। दीक्षांत समारोह कुछ ही देर में शुरू होने वाला था लेकिन कई छात्रों के माता-पिता की फ्लाइट अभी लैंड नहीं हुई थी। शाम सात बजे दीक्षांत समारोह शुरू हुआ तो भविष्य के भावी मैनेजर गाउन पहने सामने आए। लगा नई दुनिया की इस सरजमीं पर भारी संख्या में खेवनहार आएं हो। तालियों से कई मिनट तक टाटा सभागार गूंजता रहा। शिखर पर पहुंच चुके स्टैंडर्ड चार्टर्ड के सीईओ जसपाल सिंह बिंद्रा व इंफोसिस के मुख्य परामर्शदाता (चीफ मेंटर) एनआर नारायण मूर्ति को अपने बीच पाकर छात्र फूले नहीं समा रहे थे। भावी मैनेजर इन महारथियों की हर गतिविधि से प्रेरणा ले रहे थे।

इस दौरान 257 छात्रों को मेडल दिये गये। इनमें कुछ को विभिन्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

यहां यह बता दें कि इस साल बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की कंपनी मैकिंजे एंड कंपनी के अलावा डेलॉइट ने सबसे अधिकतम वेतनमान चालीस लाख पर एक्सएलआरआइ के 12 छात्रों को अनुबंधित किया है। इस साल न्यूनताम वेतनमान 15.50 लाख के सालाना पैकेज पर छात्रों को विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिली है। अवार्ड पाने के बाद सभी भावी प्रबंधकों ने अपने टोपियों को हवा में उछाल दिया।

नए आइडिया पर काम करें, जवान बने रहें : बिंद्रा


जमशेदपुर, नगर संवाददाता : हर दिन किसी न किसी नई सोच के साथ मैदान में आना होगा। आज हर दिन कुछ अलग करने की कोशिश होनी चाहिए, तभी लोग देखेंगे। तभी लोग खरीदेंगे। यह बातें जमशेदपुर स्थित एक्सएलआरआइ के 56वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एशिया (सीईओ) जसपाल सिंह बिंद्रा ने कहीं। उन्होंने कहा कि स्कूलिंग खत्म हो जाती है, लेकिन सीखना हमेशा जारी रहता है।

एक्सएलआरआइ के भावी प्रबंधकों को बिंद्रा ने सलाह दी कि मेहनत के साथ-साथ समय का इंतजार करना चाहिए। आप अचानक किसी दिन जंप कर जाएंगे। हांगकांग, सिंगापुर, भारत सहित एशिया के 19 देशों में बतौर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिम्मेदारियां निभा रहे बिंद्रा ने कहा कि सफल होने के लिए दो चीजें जरूरी हैं। पहला बेहतर फैसले लेना व दूसरा अनुभव लेना और देना। अपने अनुभव बांटते हुए बिंद्रा ने बताया- काफी पहले मैं अमेरिका में काम करता था। एक दिन मुझे सान फ्रांसिस्को में एक प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया। मैं काफी परेशान था यह सोच कर कि कैसे कर पाऊंगा। फिर बाद में मुझे याद आया कि मैं जसपाल सिंह बिंद्रा हूं। सबकुछ कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि आज के समय में आप किसी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हम अपने परिवार को और काम को नजरअंदाज कर सकते हैं, लेकिन प्रतिभा को कभी नहीं।










हर कोई बने अन्ना हजारे

अशोक सिंह, जमशेदपुर


भ्रष्टाचार भारतीय व्यवस्था की नींव में समा चुका है और अब यह उसे खोखला कर रहा है। इसे मिटाने के लिए हम सबको एक साथ खड़ा होना चाहिए। यह बातें बुधवार को इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक्सएलआरआइ में दैनिक जागरण से खास बातचीत में कही।

यह पूछने पर कि क्या अन्ना के आंदोलन से भ्रष्टाचार मिट पाएगा? नारायण मूर्ति ने कहा कि बिल्कुल.., हमें उनका साथ देना चाहिए। हम सबको अन्ना हजारे बनना चाहिए। उनकी मांगों को मान लिया गया तो काफी हद तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। आज देश में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बन चुकी है। युवाओं को इसके लिए आगे आना होगा। अपनी नींव (उच्च शिक्षा) में सुधार लाना होगा।

अपने समय के 12 महानतम उद्यमियों में से एक मूर्ति ने कहा कि एकजुट होकर हम लड़ेंगे तो शायद इस समस्या का समाधान निकल सके। भारतीय कंपनियों की कॉरपोरेट नैतिकता व समाजिक जिम्मेदारियों के सवाल पर नारायण मूर्ति ने कहा कि टाटा स्टील इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। टाटा स्टील कारपोरेट नैतिकता की ध्वजवाहक है। एक्सएलआरआइ में सर जहांगीर गांधी अवार्ड से सम्मानित मूर्ति ने कहा कि टाटा स्टील के सामाजिक उत्तरदायित्व का दुनिया में डंका बजता है। इसके अलावा हिन्दुस्तान में कई कंपनियां है जो अपने सामाजिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं। मूर्ति के अनुसार हर कंपनी, हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाए तो हमें शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है।

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

पशोपेश में हूं।

इन दिनों में बड़ी ही पशोपेश में हूं। एक व दो मार्च को हमारे गांव के घर (चेनारी में )गृह प्रवेश है। वहीं दूसरी तरफ हमारे बिटिया खुशी (अग्निशिखा)की नर्सरी फाइनल समेस्टिव की 22 फरवरी से छह मार्च तक इक्सजाम है। गृह प्रवेश में घर जाना बहुत जरूरी है तो बटिया की परीक्षा भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कुछ सुझ नहीं रहे है। क्या करूं.....