गुरुवार, 19 नवंबर 2009

मुद्दे नहीं, व्यक्तित्व पर होगी बात


-पक्ष व विपक्ष के नेता होंगे कटघरे में-जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछने के मूड में हैं छात्राएं
अशोक सिंह, जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्व में मुद्दे तो बहुत हैं पर जीत या हार को गढ़ने की ताकत किसी में नहीं है। यहां व्यक्ति विशेष की अहमियत ही चुनाव में जीत या हार का कारण बनेगा। यानी जिसका जितना संपर्क उसे उतने ही समर्थन की गुंजाइश। जमशेदपुर पूर्वी विधान सभा क्षेत्र की छात्राओं के मन में सबसे बड़ा सवाल इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए एक भी कालेज का नहीं होना है। इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य व पेयजल की सुविधा काफी बदतर स्थिति में है। इस क्षेत्र में इंटर स्तर के कालेज तो हैं लेकिन कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। पुस्तकालय कंगाल है और प्रयोगशाला बदहाल। अंतिम छोर के इलाकों में प्राइमरी शिक्षा का हाल भी बेहाल है।आपका जनप्रतिनिधि कैसा हो-इस सवाल के जवाब में गीता सिंह मुंडा कहतीं है जनप्रतिनिधि जनता के प्रति समर्पित व दूरदर्शी होना चाहिए। जिससे लोगों का जीवन सुगम व सुखमय हो। शिक्षिका रंजना भारती कहती हैं कि आने वाला कल चुनौतियों भरा होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के विकास में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परिवार ठीक रहेगा तो समाज ठीक रहेगा। समाज ठीक रहेगा तो हम सही जनप्रतिनिधि भी चुन सकते हैं। मुद्दे हर चुनाव में आते-जाते हैं। मगर जनप्रतिनिधि का व्यक्तित्व काफी मायने रखता है।इंटर की छात्रा इंदू कुमारी कहतीं हैं कि हम मुद्दे नहीं व्यक्तित्व के आधार पर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे। यदि हमारे जनप्रतिनिधि साफ सुथरी छवि वाले हों तो अपनी बात उनके सामने रख सकते हैं। नीता कुमारी का कहना है कि समाज में अराजकता फैलाने वाला जनप्रतिनिधि नहीं चाहिये। वे जिस क्षेत्र में रहती हैं वहां सभी बुनियादी सुविधाएं हैं। मगर वक्त-बेवक्त अराजक स्थितियां परेशान करतीं हैं। जनप्रतिनिधि को इस पर ध्यान देना चाहिये। छात्रा कौशल्या कर्मकार कहती हैं विधान सभा क्षेत्र में विश्वविद्यालय तो दूर महाविद्यालय नहीं है। छात्रा ज्याली मार्डी ने कहा कि महिलाओं को भी मौके मिलें तो बात बनेगी। छात्रा प्रिया कुमारी का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को उच्च शिक्षा व्यवस्था की बात करनी चाहिये। कोमली कुमारी का कहना है कि जनप्रतिनिधि जनता व समाज की भलाई की बात करें। इस क्षेत्र में प्रयोगशाला व लाईबे्ररी नहीं है। आश्चर्यजनक यह है कि आजतक इस सुविधा के लिए किसी ने आवाज नहीं उठायी। इन सहित तमाम मुद्दों पर ये युवतियां जनप्रतिनिधयों से सवाल पूछने के मूड में हैं।


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