http://www.google.com/अभी-अभी मेरी एक सहयोगी ने एक लिफ़ाफ़ा थंमाया जो मेरे नाम था और मेरे महिला मित्र के तरफ से आया था!
लिफ़ाफ़े में बंद ग्रीटिंग कार्ड देख कर एक सुखद आश्चर्य हुआ। आप यक़ीन कर सकते हैं नववर्ष की शुभकामनाओं वाला यह पहला और एकमात्र कार्ड है जो डाक से आया है। ऐसा नहीं है कि शुभकामनाएँ नहीं मिलीं। बहुत मिलीं और ढेरों मिलीं। लेकिन फ़ोन पर, एसएमएस से, ईमेल से, ईकार्ड से या फिर फ़ेसबुक पर संदेश के रूप में. किसको फ़ुर्सत है कि कार्ड ख़रीदे, डाकटिकट का इंतज़ाम करे और फिर लेटर बॉक्स में उसे डालने जाए। लेकिन सच मानो. यह कार्ड देख कर लगा कि यदि किसी ने इतनी मेहनत की है तो वह सच मायने में धन्यवाद का पात्र है। ईमेल पर तो ऐसे भी संदेश मिले जो थोक के भाव दसियों लोगों को बढ़ाए गए थे. यानी संदेश भेजने वाला सिर्फ़ मेरे बारे में ही नहीं सोच रहा था। लेकिन डाक से कार्ड भेजने के लिए आपको कम से कम पाँच दिन पहले उस मित्र को याद करना होगा.
पर, अगर दोस्ती है तो यह तो हक़ बनता है, भाई...
अशोक
सोमवार, 11 जनवरी 2010
शनिवार, 9 जनवरी 2010
जमशेदपुर में उड़ी सूचना कानून की धज्जियां
- 121 पेज की सूचना के एवज में जिला सूचना अधिकारी ने मांगे बीस हजार
- यह गैर कानूनी है, आवेदक आयोग में आये तो कार्रवाई की जायेगी : सूचना आयोग
- सूचना के लिए प्रति कार्य दिवस 1038 रुपये न लेने के संबंध कोई अधिसूचना नहीं मिली : डीडीसी सह सूचना अधिकारी
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अशोक सिंह, जमशेदपुर
कहा जाता है कि कानून बनने के साथ ही कानून को तोड़ने के रास्ते भी ईजाद हो जाते हैं। झारखंड में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। सूचना कानून के जरिये नागरिक इसका भंडाफोड़ भी कर रहे हैं। लेकिन अधिकारियों ने सूचना कानून में सेंध लगाने का अच्छा बहाना ढूंढ लिया। झारखंड मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग के आदेश का सहारा लेकर सूचना मांगने वाले लोगों का भयादोहन शुरू हो गया है। इसी कड़ी में जमशेदपुर के कदमा निवासी विनोद ठाकुर भी शामिल हैं। कुछ माह पूर्व सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत विनोद ठाकुर ने जमशेदपुर के उप विकास आयुक्त सह जन सूचना पदाधिकारी से वर्ष 2000 से सितंबर 2009 तक सांसद व विधायक निधि से किये गये विकास कार्यो की जानकारी मांगी थी। 121 पेज की सूचना के एवज में पूर्वी सिंहभूम के जिला योजना पदाधिकारी सह प्रभारी पदाधिकारी, विकास शाखा की ओर से 20, 000 रुपये अग्रिम राशि की मांग की गयी है। हालांकि वर्ष 2007-08 एवं 2008-09 में विधायकों व सांसदों द्वारा कराये गये विकास कार्यो की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है। शेष जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवेदक से 1038 रुपये प्रति कार्य दिवस के रूप में लगभग 20,000 रुपये अग्रिम राशि उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। इस संबंध में ध्यान देने की बात यह है कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदक से सिर्फ दो रुपये प्रति पेज व 50 रुपये प्रति सीडी ही लेने का प्रावधान है। लेकिन जिला योजना पदाधिकारी ने वांछित प्रतिवेदन को तैयार करने में काफी समय लगने का हवाला देते हुये 121 पन्नों की सूचना के लिए प्रति कार्य दिवस 1038 रुपये के हिसाब से 20,000 रुपये की मांग की है। इस संबंध में जिला सूचना पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त सीताराम बारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई अधिसूचना नहीं मिली है। उधर आवेदक ने इस मामले की शिकायत झारखंड मुख्य सूचना आयुक्त व केन्द्रीय सूचना आयोग में कर दी है।यह समस्या मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग के आदेश से आयी है। आदेश गत पांच जून को राज्य के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्तों के पास भेजा गया था। यही आदेश सूचना के एवज में लंबी चौड़ी फीस मांगने का हथियार बन गया। हालांकि इस आदेश को राज्य सूचना आयोग ने निरस्त कर दिया है। लेकिन इसकी सूचना जिला प्रशासन को नहीं है।झारखंड राज्य सूचना के आयुक्त पीके महतो का कहना है कि फीस व लागत संबंधी नियम बनाने व ऐसे निर्देश निर्गत करने का अधिकार राज्य कार्मिक व प्रशासनिक विभाग के सिवाय और किसी को नहीं है।झारखंड आरटीआई फोरम के सचिव विष्णु राजगढि़या ने इस मामले को पूरी तरह से गैरकानूनी बताया है। इससे झारखंड की सूचना आयोग की अक्षमता साबित होती है। उन्होंने कहा कि प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त रामविलास गुप्ता के उदार रवैये के कारण ही सूचना कानून की हत्या हो रही है।
गुरुवार, 7 जनवरी 2010
जमशेदपुर में 'श्राची' का धमाकेदार आगाज
-रीयल स्टेट के क्षेत्र में शहर में एक और बड़ा प्रोजक्ट-
-12 एकड़ में पारडीह में बन रहा इनटीग्रेटेड टाउनशिप
अशोक सिंह, जमशेदपुर : आधुनिक परिवेश में घर की परिकल्पना ऐसी हो जो न केवल रहने वाले को नजाकत का अहसास कराये, बल्कि व्यवहारिकता का प्रमाण भी पेश करे। कुछ इसी तरह की परिकल्पना पर आधारित 'घर' लेकर जमशेदपुर आ रहा श्राची समूह। पश्चिम बंगाल में कोलकाता समेत कई शहरों में कम कीमत पर आधुनिक घर की नई परिभाषा गढ़ चुके इस समूह का जमशेदपुर आगमन झारखंड के लिए 2010 का तोहफा होगा। सालाना आठ सौ करोड़ का कारोबार करनेवाली यह कंपनी जमशेदपुर में विश्वस्तरीय टाउनशिप बनाने के लिए श्राची समूह ने मानगो इलाके को चुना है। मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड में पारडीह चौक के करीब पांच सौ मीटर पहले कोलकाता की रीयल स्टेट कंपनी श्राची अपना आधुनिक टाउनशिप बना रही है। वहां पर श्राची द्वारा बनाये जानेवाले घर का एक माडल भी बना दिया गया है ताकि कोई ग्राहक या आम आदमी समूह द्वारा बनाये जानेवाले घर के लुक व क्लालिटी को समझ सके। हालांकि इस समूह ने अपने जमशेदपुर आगमन की अभी औपचारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन तैयारी जोरदार धमाका करने की है। जाहिर तौर पर इसके आ जाने के बाद यहां रीयल एस्टेट के कारोबार में नये अध्याय की शुरुआत होगी। श्राची ग्रुप के कारपोरेट कम्यूनिकेशन के मैनेजर राय सेनगुप्ता कहतीं हैं कि घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं की कसौटी पर खरा उतरने के लिए हमारी कंपनी व इसके एमडी राहुल तोडी वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में कारोबार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में हर कैटेगरी के लोगों के लिए घर बनाये जायेंगे जिनमें रो-हाउसेस, बंगलो, टाउन हाउसेस, डुप्लेक्स, ट्रिपलेक्स और अपार्टमेंट शामिल होंगे। इसके अलावा श्राची के कैंपस में ही क्लब, मल्टीगेम, फेमिली लाउंज, स्वीमिंग पुल, लशग्रीन व यूटिलिटी सेंटर आदि की सुविधाएं प्राप्त होंगी। नमूने के तौर पर पेश डुप्लेक्स में बेड रूम, बाथरूम, किचेन में सबसे ज्यादा प्रचलित व टिकाऊ फ्लोरिंग की गयी है। ग्रुप ने इस परियोजना के पहले फेज को वर्ष 2011 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
-12 एकड़ में पारडीह में बन रहा इनटीग्रेटेड टाउनशिप
अशोक सिंह, जमशेदपुर : आधुनिक परिवेश में घर की परिकल्पना ऐसी हो जो न केवल रहने वाले को नजाकत का अहसास कराये, बल्कि व्यवहारिकता का प्रमाण भी पेश करे। कुछ इसी तरह की परिकल्पना पर आधारित 'घर' लेकर जमशेदपुर आ रहा श्राची समूह। पश्चिम बंगाल में कोलकाता समेत कई शहरों में कम कीमत पर आधुनिक घर की नई परिभाषा गढ़ चुके इस समूह का जमशेदपुर आगमन झारखंड के लिए 2010 का तोहफा होगा। सालाना आठ सौ करोड़ का कारोबार करनेवाली यह कंपनी जमशेदपुर में विश्वस्तरीय टाउनशिप बनाने के लिए श्राची समूह ने मानगो इलाके को चुना है। मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड में पारडीह चौक के करीब पांच सौ मीटर पहले कोलकाता की रीयल स्टेट कंपनी श्राची अपना आधुनिक टाउनशिप बना रही है। वहां पर श्राची द्वारा बनाये जानेवाले घर का एक माडल भी बना दिया गया है ताकि कोई ग्राहक या आम आदमी समूह द्वारा बनाये जानेवाले घर के लुक व क्लालिटी को समझ सके। हालांकि इस समूह ने अपने जमशेदपुर आगमन की अभी औपचारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन तैयारी जोरदार धमाका करने की है। जाहिर तौर पर इसके आ जाने के बाद यहां रीयल एस्टेट के कारोबार में नये अध्याय की शुरुआत होगी। श्राची ग्रुप के कारपोरेट कम्यूनिकेशन के मैनेजर राय सेनगुप्ता कहतीं हैं कि घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं की कसौटी पर खरा उतरने के लिए हमारी कंपनी व इसके एमडी राहुल तोडी वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में कारोबार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में हर कैटेगरी के लोगों के लिए घर बनाये जायेंगे जिनमें रो-हाउसेस, बंगलो, टाउन हाउसेस, डुप्लेक्स, ट्रिपलेक्स और अपार्टमेंट शामिल होंगे। इसके अलावा श्राची के कैंपस में ही क्लब, मल्टीगेम, फेमिली लाउंज, स्वीमिंग पुल, लशग्रीन व यूटिलिटी सेंटर आदि की सुविधाएं प्राप्त होंगी। नमूने के तौर पर पेश डुप्लेक्स में बेड रूम, बाथरूम, किचेन में सबसे ज्यादा प्रचलित व टिकाऊ फ्लोरिंग की गयी है। ग्रुप ने इस परियोजना के पहले फेज को वर्ष 2011 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
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